Anna Hazare 12 December 2012
Anna Hazare 12 December 2012 |
Anna Hazare on 11th December made a debate on Jan LokPal Bill . In this debate team anna members ( Arvind Kejriwal , Shanti Bhushan , Prashant Bhushan , Kiran Bedi , Manish Sisodia , Sanjay Singh and Kumar Vishwas ) invited members of drafting committee are invited for a open talk on the matters of Jan Lok Pal Bill . This was organised on Jantar Mantar Delhi . From BJP ( Bharty Janta Party ) - Arun Jately , CPM - AP Bradan , MKPA - Virnda Karat , JDU Mr.Sharad Yadav have joined this.
The Government's handling of the formation of the draft committee, involving the civil society in preparation of the draft Lokpal bill, was criticised by various political parties including BJP, BJD, TDP, AIADMK, CPI-M, RJD, JD(U) and Samajwadi Party.
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Jan Lokpal Bill version 2.2 - English
Government Lokpal Bill Vs Jan Lokpal Bill: Comparative Chartएक दिन के सांकेतिक अनशन के बीच जंतर-मंतर स्थित अन्ना के मंच से लोकपाल पर खुली बहस में भाजपा नेता अरुण जेटली और सीपीआई नेता ए बी बर्द्धन ने प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने की वकालत की। वहीं माकपा नेता वृंदा करात ने निजी कंपनियों को भी लोकपाल के दायरे में लाए जाने की मांग की। जद (यू) नेता शरद यादव ने कहा कि संसद में लोकपाल पर पूरी बहस होनी जरूरी है। शरद यादव ने लोकपाल पर पूरी बहस के लिए संसद के मौजूदा सत्र का कार्यकाल बढ़ाने या विशेष सत्र का बुलाने की मांग की है। हालांकि केंद्रीय मंत्री नारायण सामी ने कहा है कि संसद का सत्र बढ़ाए जाने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। वहीं केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि संसद का सत्र बढ़ाना संभव नहीं है।
सपा नेता राम गोपाल यादव ने अन्ना की अधिकतर मांगों पर सहमति जताई। पीएम को लोकपाल के दायरे में लाने पर पांच राजनीतिक दल राजी हुए। हालांकि बर्द्धन और राम गोपाल यादव ने टीम अन्ना से हर एक मुद्दे पर जिद छोड़ने की भी अपील की। इन नेताओं ने कहा कि टीम अन्ना की ओर से तैयार किया गया ड्राफ्ट हू-ब-हू कानून नहीं बन सकता है। अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींढसा और टीडीपी नेता येरन नायडू ने भी मंच से अपनी-अपनी बातें रखीं। टीम अन्ना ने कांग्रेस को भी इस बहस में शामिल होने का न्यौता दिया था लेकिन कांग्रेस ने मना कर दिया।
जंतर-मंतर के मंच पर अन्ना के साथ चार और लोग अनशन पर बैठे थे। इनमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, कुमार विश्वास और संजय सिंह शामिल हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस और राहुल गांधी को निशाने पर लिया (विस्तार से पढ़ने के लिए रिलेटेड लिंक पर क्लिक करें)। टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी के अलावा शांति भूषण, प्रशांत भूषण, शमून काजमी और संजय सिंह और मेधा पाटेकर ने भी मंच से लोगों को संबोधित किया।
अन्ना हजारे ने देशवासियों से अनशन की अपील की है। उनकी अपील पर दिल्ली से लेकर मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, लखनऊ, चंडीगढ़, हैदराबाद, भोपाल, पुणे, अहमदाबाद, बैंगलोर समेत और कई शहरों में अन्ना समर्थकों ने धरना दिया।
अन्ना हजारे ने सरकार पर देश को धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि अगर 22 दिसंबर तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे 27 दिसंबर से आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन लोकसभा चुनाव तक इसे जारी रखेंगे। सरकार के लोकपाल विधेयक के विरोध में अन्ना ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘पूरे देश को धोखा दिया गया है। हमें लगता है कि इसके पीछे राहुल गांधी का हाथ है।’ उन्होंने कहा कि एक दिन झोपड़ी में रह कर राहुल प्रधानमंत्री नहीं बन सकते।
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